दोस्तों मैट्रिक परीक्षा 2023 का तैयारी करना चाहते है तो यहाँ पर (Social Science) सामाजिक विज्ञान का क्वेश्चन आंसर दिया गया है जिसमें अर्थशास्त्र (Economics) का मुद्रा, बचत एवं साख का इतिहास का सब्जेक्टिव क्वेश्चन आंसर ( Mudra Bachat avn Sakh ka Ithaas Subjective Question Answer ) दिया गया है तथा सामाजिक विज्ञान का मॉडल पेपर ( Social Science Model Paper 2023 ) भी दिया गया है और आपको सोशल साइंस का ऑब्जेक्टिव क्वेश्चन आंसर मुद्रा, बचत एवं साख ऑब्जेक्टिव क्वेश्चन आंसर ( Mudra Bachat avn Sakh ka Ithaas Objective Question Answer ) आपको इस वेबसाइट पर आसानी से मिल जाएगा।
- Class 10 Social Science All Chapter VVI Guess Question Paper 2023
S.N | Social Science (सामाजिक विज्ञान) 📒 |
1. | History (इतिहास) Guess Paper |
2. | Geography (भूगोल) Guess Paper |
3. | Economics (अर्थ-शास्त्र) Guess Paper |
4. | Political Science (राजनितिक विज्ञानं) Guess Paper |
5. | Disaster Management (आपदा प्रबंधन) Guess Paper |
मुद्रा बचत एवं साख लघु उत्तरीय प्रश्न उत्तर और दीर्घ उत्तरीय प्रश्न उत्तर
लघु उत्तरीय प्रश्न |
1. मुद्रा की परिभाषा दें।
उत्तर ⇒ साधारण बोलचाल की भाषा में मुद्रा का अर्थ धातु के बने सिक्के से समझा जाता है। प्रो० हार्टले विट्स के अनुसार “मुद्रा वह है जो मुद्रा का कार्य करती है। कोलबर्न का कहना है कि “मुद्रा वह है जो मूल्य का मापक और भुगतान का साधन है।” जबकि सेलिगमैन के अनुसार “मुद्रा वह
वस्तु है जिसे सामान्य स्वीकृत प्राप्त है।”
2. वस्तु विनिमय क्या है ?
उत्तर ⇒ वस्तु विनिमय प्रणाली उस प्रणाली को कहते हैं जिसमें एक वस्तु के बदले में दूसरी वस्तु का आदान प्रदान होता है। दूसरे शब्दों में “किसी एक वस्तु का किसी दूसरे वस्तु के साथ बिना मुद्रा के प्रत्यक्ष रूप से लेन देन वस्तु विनिमय प्रणाली कहलाती है।”
3. A.T.M. क्या है ?
उत्तर ⇒ A.T.M का विस्तारित रूप Automatic Teller Machine
अर्थात स्वचालित टेलर मशीन है। यह 24 घंटे सेवा प्रदान करता है। भारत में सभी व्यापारिक बैंक जैसे-SBI,PNB, ICICI इत्यादि द्वारा यह सुविधा अपने ग्राहकों को उपलब्ध कराती है। इस प्लास्टिक कार्ड के सहायता से कहीं भी
और कभी भी रूपया निकाला जा सकता है।
4. Credit Card क्या है ?
उत्तर ⇒ यह प्लास्टिक मुद्रा का एक रूप है। विश्व में प्रचलित क्रेडिट कार्डों में VISA, , Master Card, American Express, आदि प्रसिद्ध है। क्रेडिट कार्ड के अन्तर्गत ग्राहक की वित्तीय स्थिति को देखते हुए बैंक उनकी साख की एक राशि निर्धारित कर देती है जिसके अन्तर्गत वह अपने क्रेडिट कार्ड के माध्यम से निर्धारित धनराशि के अन्दर वस्तुओं और सेवाओं को खरीद सकता है।
BSEB Class 10th सामाजिक विज्ञान (अर्थशास्त्र ) अर्थव्यवस्था एवं विकास का इतिहास Subjective Question 2023
5. मौद्रिक प्रणाली क्या है?
उत्तर ⇒ इस प्रणाली के अन्तर्गत पहले कोई व्यक्ति अपनी वस्तु या सेवा को बेचकर मुद्रा प्राप्त करता है और फिर उस मुद्रा से अपनी जरूरतों की अन्य वस्तुएँ प्राप्त करता है। चूंकि इस प्रणाली में मुद्रा विनिमय के माध्यम का कार्य करती है। इसलिए इसे मौद्रिक विनिमय प्रणाली कहा जाता है।
6. साख क्या है ?
उत्तर ⇒ साख का अर्थ है विश्वास अथवा भरोसा। अर्थशास्त्र में साख का अर्थ ऋण लौटाने या भुगतान करने की क्षमता में विश्वास से होता है। प्रो० जोड के अनुसार “साख एक ऐसा विनिमय कार्य है जो एक निश्चित अवधि के बाद पूरा हो जाता है। साख के दो पक्ष होते हैं यथा ऋणदात तथा ऋणी।
7. बचत क्या है ?
उत्तर ⇒ आय तथा उपभोग का अंतर बचत कहलाता है। क्राउथर के अनुसार “किसी व्यक्ति की बचत उसकी आय का वह भाग है जहाँ उपभोग की वस्तुओं पर व्यय नहीं की जाती है।”
बचत (Saving) = आय(Income) – उपभोग (Consumption)
8. पत्र मुद्रा क्या है ?
उत्तर ⇒ सिक्का मुद्रा की कठिनाई को दूर करने के लिए पत्र मुद्रा का प्रचलन हुआ। वर्तमान समय में विश्व के प्रायः सभी देशों में पत्र मुद्रा का ही प्रचलन है। देश की सरकार तथा देश के केन्द्रीय बैंक के द्वारा जो कागज का नोट प्रचलित । किया जाता है, उसे ही पत्र मुद्रा कहते हैं। इसे कागज़ी
मुद्रा भी कहा जाता है।
कक्षा 10 मुद्रा बचत एवं साख का सब्जेक्टिव क्वेश्चन आंसर
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न |
1. मुद्रा के आर्थिक महत्त्व पर प्रकाश डालें।
उत्तर ⇒ मुद्रा के आर्थिक महत्व के बारे में प्रसिद्ध अर्थशास्त्री ट्रेस्कॉट ने कहा है कि “यदि मुद्रा हमारी अर्थव्यवस्था का हृदय नहीं तो रक्त स्रोत तो अवश्य है। वर्तमान आर्थिक जगत मुद्रा के बिना एक क्षण भी जीवित नहीं रह सकता। इसलिए प्रो० मार्शल ने कहा है, “मुद्रा वह धुरी है जिसके चारों तरफ सम्पूर्ण आर्थिक विज्ञान चक्कर काटता है।” मुद्रा के महत्त्व पर प्रकाश डालते हुए क्राउथर ने कहा है कि “ज्ञान की प्रत्येक शाखा की अपनी-अपनी मूल खोज होती है जैसे- यंत्रशास्त्र में चक्र विज्ञान में अग्नि, राजनीति शास्त्र में वोट कहते हैं ठीक उसी प्रकार मनुष्य के आर्थिक एवं व्यावसायिक जीवन में मुद्रा सर्वाधिक उपयोगी आविष्कार है जिस पर सम्पूर्ण व्यवस्था ही आधारित है।” वास्तव में मुद्रा मानव का एक महत्वपूर्ण आविष्कार है। निष्कर्षतः हम कह सकते हैं कि मुद्रा का आधुनिक जीवन में विशिष्ट स्थान है। प्रो० पीगू ने ठीक ही कहा है कि “आधुनिक विश्व में उद्योग मुद्रा रूपी वस्त्र धारण किए हुए हैं।”
2. मुद्रा के विकास पर प्रकाश डालें।
उत्तर ⇒ मुद्रा के विकास को निम्न रूप से देख सकते हैं –
(i). वस्तु विनिमय : इसमें वस्तु का वस्तु से लेन-देन होता
(ii). वस्तु मुद्रा : शिकारी युग में खाल या चमड़ा, पशुपालन युग में कोई पशु जैसे- गाय का बकरी कृषि युग में कोई अनाज जैसे- कपास, गेंहूँ इत्यादि को मुद्रा का कार्य सम्पन्न करने के लिए चुना गया था।
(iii). धात्विक मुद्रा : वस्तु मुद्रा द्वारा विनिमय करने में अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था। अब धातुओं का प्रयोग मुद्रा के रूप में होने लगा।
(iv). सिक्के : धातु मुद्रा से होने वाली कठिनाइयों को दूर करने के लिए सिक्के का इस्तेमाल होने लगा। जो अधिकतर सोने, चाँदी आदि के बने होते थे।
(v). पत्र मुद्रा : सिक्के को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने में कठिनाई के कारण पत्र मुद्रा का प्रचलन हुआ। वर्तमान में विश्व के सभी देशों में पत्र-मुद्रा का प्रचलन है।
(vi). प्लास्टिक मुद्रा : आजकल प्लास्टिक मुद्रा जैसे एटीएम सह डेबिट कार्ड तथा क्रेडिट कार्ड इत्यादि का प्रचलन जोरों पर है।
3. वस्तु विनिमय प्रणाली की कठिनाइयों पर प्रकाश डालें।
उत्तर ⇒ वस्तु विनिमय प्रणाली की निम्न कठिनाइयाँ हैं-
(i). आवश्यकता के दोहरे संयोग का अभाव : वस्तु विनिमय प्रणाली की यह महत्वपूर्ण कठिनाई थी। आवश्यकता के दोहरे संयोग से मतलब है कि एक की जरूरत दूसरे से मेल खा जाए।
(ii). मूल्य के सामान्य मापक का अभाव : कोई ऐसा सर्वमान्य मापक नहीं था जिसकी सहायता से सभी प्रकार की वस्तुओं और सेवाओं के मूल्य को ठीक प्रकार से मापा जा सके।
(iii). संचय का अभाव : व्यवहार में व्यक्ति कुछ ऐसी वस्तुओं का उत्पादन करते हैं जो शीघ्र नष्ट हो जाती है। शीघ्र नष्ट होने वाली वस्तुएँ मछली, फल, सब्जी इत्यादि का लंबी अवधि तक संचय करना कठिन था।
(iv). सह विभाजन का अभाव : कुछ वस्तुएँ ऐसी होती हैं जिनका विभाजन नहीं किया जा सकता। यदि उनका विभाजन कर दिया जाए तो उनकी उपयोगिता नष्ट हो जाती है।
(v). भविष्य के भुगतान की कठिनाई : वस्तु विनिमय प्रणाली में उधार लेने तथा देने में कठिनाई होती थी। इस प्रणाली में उधार देने वाले को घाटा तथा लेने वाले को फायदा होता था।
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4. साख-पत्र क्या है ? कुछ प्रमुख साख पत्रों पर प्रकाश डालें।
उत्तर ⇒ साख-पत्र से हमारा मतलब उन साधनों से है, जिनका उपयोग साख मुद्रा के रूप में किया जाता है। साख-पत्र के आधार पर ही साख या ऋण का आदान-प्रदान होता है। अतः साख पत्र ठीक मुद्रा की तरह कार्य करते हैं। पर साख-पत्रों के लेन-देन के कार्य में स्वीकार करने के लिए भी बाध्य नहीं किया जा सकता।
ऐसे साख कई तरह के होते हैं–
(i) चेक — चेक एक लिखित आदेश है, जो बैंक में रुपया जमा करनेवाला अपने बैंक को देता है कि उसमें लिखित रकम व्यक्ति को दे दी जाय ।
(ii) बैंक ड्राफ्ट — यह वह पत्र है जो एक बैंक अपनी किसी शाखा या अन्य किसी बैंक को आदेश देता है कि अंकित रकम व्यक्ति को दे दी जाए । बैंक ड्राफ्ट देशी-विदेशी दोनों तरह का होता है।
(iii) यात्री चेक — प्रत्येक यात्री चेक पर एक निश्चित रकम छपी रहती है। यात्री बैंक की किसी भी शाखा से यात्री चेक प्रस्तुत कर मुद्रा प्राप्त कर सकता है ।
(iv) प्रतिज्ञा पत्र — यह भी एक साख पत्र है। इस पत्र में ऋणी की मांग पर एक निश्चित अवधि के बाद उसमें अंकित रकम ब्याज सहित देने का वादा करता है ।
आधुनिक समय में साख एवं साख पत्रों का महत्व काफी बढ़ गया है।
5. मुद्रा के कार्यों पर प्रकाश डालें।
उत्तर ⇒ आधुनिक समय में मुद्रा बहुत सारे कार्यों को सम्पन्न करती है। मुद्रा के कार्य निम्नलिखित हैं-
(i). विनिमय का माध्यम : मुद्रा विनिमय का एक माध्यम है। क्रय तथा विक्रय दोनों में ही मुद्रा मध्यस्थ का कार्य करती है। मुद्रा के आविष्कार के कारण अब आवश्यकताओं के दोहरे संयोग के अभाव की कठिनाई उत्पन्न नहीं होती।
(ii). मूल्य का मापक : मुद्रा मूल्य का मापक है। मुद्रा के द्वारा वस्तुओं का मुल्यांकन करना सरल हो गया है। वस्तु विनिमय प्रणाली में एक कठिनाई यह थी कि वस्तुओं का सही तौर पर मूल्यांकन नहीं हो पाता था। मुद्रा ने इस कठिनाई को दूर कर दिया है।
(iii). विलंबित भुगतान का मान : आधुनिक युग में आर्थिक कार्य उधार पर होता है और उसका भुगतान बाद में किया जाता है। दूसरे शब्दों में, भुगतान विलंबित या स्थापित होता है। मुद्रा विलंबित भुगतान का एक सरल साधन है। इसके द्वारा ऋण के भुगतान करने में काफी सुविधा हो गई है।
(iv). मूल्य का संचय : मनुष्य भविष्य के लिए कुछ बचाकर रखना चाहता है। वर्तमान आवश्यकताओं के साथ ही
साथ भविष्य की आवश्यकताएँ भी महत्त्वपूर्ण है। इस कारण यह जरूरी है कि भविष्य के लिए कुछ बचाकर रखा जाए। मुद्रा में यह गुण और विशेषता है कि संचित या जमा करके रखी जा सकती है।
(v). क्रय शक्ति का हस्तांतरण : चूँकि मुद्रा में सामान्य स्वीकृ ति का गुण विद्यमान है। अतः कोई भी व्यक्ति किसी एक स्थान पर संपत्ति बेचकर किसी अन्य स्थान पर नयी संपत्ति खरीद सकता है। इसके अलावा, मुद्रा के ही रूप में धन का लेन-देन होता है। अतः मुद्रा के माध्यम से SEPTU क्रय-शक्ति को एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को हस्तांतरित किया जा सकता है।
(vi). साख का आधार : वर्तमान समय में मुद्रा साख के आधार पर कार्य करती है। मुद्रा के कारण ही साख पत्रों का प्रयोग बड़े पैमाने पर होता है। बिना मुद्रा के साख पत्र जैसे-चेक, ड्राफ्ट, हुण्डी आदि प्रचलन में नहीं रह सकते। मुख्यतः मुद्रा के चार कार्य हैं- मुद्रा के चार कार्यों का प्रायः अंग्रेजी के एक मुहावरा द्वारा निम्न प्रकार से व्यक्त किया जाता है।
Money is matter of function four,
a medium, a measure, a standard, a store. हिन्दी में इसे निम्न तरह से कहा जा सकता है मुद्रा के हैं चार कार्य महान। माध्यम, मापन, संचय, भुगतान।
10th Class Social Science Subjective Question Answer : बिहार बोर्ड मैट्रिक परीक्षा 2023 इतिहास का लघु उत्तरीय प्रश्न और दीर्घ उत्तरीय प्रश्न उत्तर नीचे दिया गया है दिए गए लिंक पर क्लिक करके लघु उत्तरीय प्रश्न और दीर्घ उत्तरीय प्रश्न पढ़ सकते हैं । कक्षा 10 सामाजिक विज्ञान सब्जेक्टिव क्वेश्चन 2023