अगर आप कक्षा 10 के छात्र हैं और मैट्रिक परीक्षा 2023 की तैयारी कर रहे हैं तो यहां पर आपको कक्षा 10 हिंदी काव्य खंड का मेरे बिना तुम प्रभु का सब्जेक्टिव क्वेश्चन नीचे दिया गया है। जो कि आपके मैट्रिक परीक्षा 2023 के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। इसलिए शुरू से अंत तक जरूर पढ़ें। और आपको इस वेबसाइट पर मेरे बिना तुम प्रभु Objective Question भी पढने के लिए मिल जायेगा।
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मेरे बिना तुम प्रभु Subjective Question Answer 2023
1. कवि अपने को जलपात्र और मदिरा क्यों कहता है ?
उत्तर ⇒ कवि ईश्वर और मनुष्य को अलग न मानकर एक ही मानता है। जिस तरह पानी को एक अलग बर्तन में रखने पर वह मूल जल से अलग हो जाता है। परंतु बर्तन के टूटने पर जल अपने मूल में मिलकर एक हो जाता है। इसी तरह शरीर रूपी जलपात्र के समाप्त होने पर आत्मा और परमात्मा मिलकर एक हो जाती है। इसलिए कवि ने अपने को जलपात्र और मदिरा कहा है।
2. आशय स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर ⇒ इसके लिए पद 2 के अंतर्गत व्याख्या देखें ।
3. शानदार लबादा किसका गिर जाएगा और क्यों ?
उत्तर ⇒ ईश्वर की सत्ता मनुष्य पर निर्भर है। यदि मनुष्य ही नहीं रहेगा तो उसका सत्ता किस पर रह जायेगी। इसलिए कवि ने कहा कि यदि मनुष्य नहीं रहा तो ईश्वर का लबादा गिर जायेगा।
4. कवि किसको कैसा सुख देता था ?
उत्तर ⇒ ईश्वर की कृपा से मनुष्य में उसकी आभा विद्यमान है। यही कृपा कवि के कपोलों की श्य्या पर विश्राम करती है, जो ईश्वर को सुख देती है। कवि ईश्वर को उसकी सुंदर रचना का सुख देता है।
Mere Bina Tum Prabhu Subjective question answer 2023
5. कवि को किस बात की आशंका है ? स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर ⇒ कवि को इस बात की आशंका है कि यदि मनुष्य नहीं रहेगा तो संध्याकालीन सूर्य की लाल किरणों के योग से प्रकृति में छिटके सौन्दर्य का वर्णन कौन करेगा? मनुष्य ही चेतनाशील है वही इसका वर्णन कर सकता है और यदि मनुष्य ही नहीं रहा तो हे प्रभु! मेरे बिना तुम क्या करोगे ?
6. कविता किसके द्वारा किसे संबोधित है? आप क्या सोचते हैं ?
उत्तर ⇒ प्रस्तुत कविता मनुष्य द्वारा ईश्वर को संबोधित है। सत्यता
यही है कि जब तक मनुष्य का इस संसार में अस्तित्व है, तभी तक ईश्वर का अस्तित्व है। ईश्वर और मनुष्य दोनों एक-दूसरे के पूरक हैं। इसलिए कवि ने सही कहा है कि मनुष्यों के न होने पर तुम्हारे अस्तित्व और सत्ता कौन स्वीकार करेगा ?
7. मनुष्य के नश्वर जीवन की महिमा और गौरव का यह कविता कैसे बखान करती है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर ⇒ प्रस्तुत कवतिा इस बात को पूर्णरूप से स्पष्ट करती है कि मनुष्य और ईश्वर एक-दूसरे के पूरक हैं। यदि मनुष्य नहीं रहा तो ईश्वर की सत्ता भी नहीं रहेगी। अत: यह स्पष्ट हो जाता है कि मनुष्य में ईश्वर का अंश है।
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